राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण नेताओं में अनबन



मैं अपने पाठकों को एक ऐसा समाचार देना चाहता हूँ जिससे भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान प्रदेश में अपनी सरकार गठित करने का एक सुनहरा अवसर मिलने वाला है. बहुत दिनों से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा वहां के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट में अनबन चल रही थी. कुछ दिन पूर्व अशोक गहलोत की नादानी से वहां के कांग्रेस के कुछ विधायकों को नोटिस दिया गया की वे सब कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने का प्रयास कर रहे हैं. इससे पार्टी में हड़कंप मच गया.

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट जो पहले से ही अशोक गहलोत से अप्रसन्न थे तथा ऐसा मौका तलाश रहे थे कि जिससे वो कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले लें. आपको ज्ञात होगा कि कुछ महीनों पूर्व मध्यप्रदेश के एक बहुत बड़े कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांगेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में चले गए तथा भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपने दल से राजसभा का सांसद बना दिया तथा उनके कुछ कांग्रेसी विधायकों को मध्यप्रदेश की सरकार में मंत्री भी बनवा दिया. सचिन पायलेट ज्योतिरादित्य सिंधिया के अच्छे मित्र हैं तथा वो उनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी में जाने के अवसर तलाश रहे हैं.

मुझे उम्मीद है कि चंद ही दिनों के बाद राजस्थान में भी मध्यप्रदेश की घटना दोहराई जाएगी. मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ये सुनहरा अवसर अपने हाथ से जाने नहीं देगा तथा सचिन पायलेट को अपनी पार्टी में शामिल कर राजस्थान में अपनी सरकार गठित करेगा तथा जो विधायक उनके साथ आयेंगे उन्हें राजस्थान सरकार में मंत्री तथा उन्हें मुख्यमंत्री अवश्य बनाएगा.


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