कोरोना आपदा के समय में केंद्र सरकार की आलोचना करना उचित नहीं


इस समय सारा विश्व कोरोना जैसी आपदा से दो-चार हो रहा है. इसके बावजूद विपक्षी नेता जिनमें कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी तथा तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी व कांग्रेस के भूतपूर्व केंद्रीय मन्त्री कपिल सिब्बल तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार जैसे नेता हमारे प्रधानमंत्री की आलोचना करने से बाज नहीं आ रहे है.

जब कई देशों के राष्ट्रपति मोदी जी को हनुमान जी की संघ्या दे रहे हैं तथा उन्हें विश्व का एक महान नेता बता रहे हैं तब ये विपक्षी नेता जो लोकसभा चुनावों में तो भाजपा को हरा नहीं सके लेकिन बिना बात के अपनी फजीहत करा रहे हैं.

वर्तमान समय में भारतीय जनता ने स्वतंत्रता बाद के तमाम प्रधानमन्त्रियो का कार्यकाल अच्छी तरह देखा है तथा विशेषकर 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भी देख चुकी है. उनके शासनकाल में देश में इतने घोटाले हुए तथा उसी कारण से भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को बेदखल कर दिया.

अंत में मैं भारत के सभी विरोधी नेताओं से कहना चाहता हूँ कि वे सिर्फ विरोध के लिए विरोध न करें बल्कि वर्तमान प्रधानमन्त्री के अच्छे कार्यों की तारीफ़ करना भी सीखें तथा इस कोरोना महामारी को दूर करने में उनके हाथ बटायें.

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