मोदी जी के मतानुसार सफलता का रहस्य



मोदी जी से एक बार भारतीय छात्रों के साथ बात करते हुए एक जिगासु छात्र ने प्रश्न पूछा कि मोदी जी आपकी इतनी महान सफलता का रहस्य क्या है. आप उसका श्रेय किस व्यक्ति को देते हैं. मोदी जी ने कहा कि जीवन की सफलताओं तथा विफलताओं को तराजू में नहीं तोला जाना चाहिए. जिस दिन हम अपनी सफलता और असफलताओं की गड़ना करते हैं, निराशाएं निर्धारित होती हैं. हमारे प्रयासों को हमारे दिमाग में एक लक्ष्य कि दिशा में काम करना चाहिए. इसी में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और एक या दो कदम उठा सकते हैं. लेकिन यदि आप अपना लक्ष्य अपने आप से आगे रखते हैं तो इन बातों का कोई परिणाम नहीं है. सफलता प्राप्त करने में विफलताओं की संख्या जीवन में अधिक होती है. उन्हें सफलता और असफलताओं को पैमाने पर नहीं मापा जाना चाहिए. लेकिन किसी को अपनी गलतियो से बहुत कुछ सीखना चाहिए. लोग सफल नहीं होते क्योंकि वो अपनी गलतियों से कुछ भी नहीं सीखते हैं.

जो ज्ञान हम असफलताओं से प्राप्त करते हैं वो हमेशा हमारी सफलताओं के मुकाबले ज्यादा है. सफलता और असफलताओं के विषय पर अपने जीवन के अनुभव को साझा करते हुए मोदी जी ने कहा कि मेरा जीवन ऐसा है कि मुझे हर समय विफलताओं और नकारात्मकताओं का सामना करना पड़ेगा. न तो मैं अपनी सफलता को मापता हूँ, न ही मैं सफल होने के मकसद से काम करता हूँ.


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