भ्रष्टाचार निषेध है
भ्रष्टाचार में भारत का स्थान 80 है. मुझे
लगता है कि भाजपा सरकार के सत्ता में रहने के कारण 80 स्थान से 10 स्थान के अन्दर
आ जायेगा. 2014 में सत्ता में आने के बाद पहले 10 सालों के दौरान भ्रष्टाचार चरम
सीमा पे था. उत्तर-प्रदेश में बसपा तथा सपा सरकारों में भी भ्रष्टाचार की कोई सीमा
नहीं थी. मोदी के प्रधानमंत्री बनने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगनी शुरू हो गयी.
उन्होंने प्रण किया कि मैं किसी को भ्रष्टाचार नहीं करने दूंगा. हम सभी देशवासियों
को देखने को मिला कि उनके 5 साल के शासन के दौरान कहीं भ्रष्टाचार देखने को नहीं
मिला.
दिन-प्रतिदिन लालू यादव से लेकर आजम खान तक
या तो सजा काट रहें हैं या कुछ ही दिनों में जेल की सलाखों के पीछे जाने की बाँट
जोह रहे हैं. भ्रष्टाचार के खात्मे में मोदी ने सर्वप्रथम सभी केन्द्रीय सरकार के
विभागों में ग्रुप A की नौकरी को छोडकर अन्य ग्रुपों की नौकरियों में मौखिक
परीक्षा को समाप्त कर दिया. उत्तर-प्रदेश जैसे राज्य में योगी ने सत्ता में आते ही
अपने यहाँ भी इंटरव्यू को समाप्त कर दिया.
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए राज्यों
तथा केंद्र सरकार का ये कर्त्तव्य है कि सार्वजानिक परीक्षाओं में नकल पर रोक
लगायें. उत्तर-प्रदेश का शिक्षा विभाग साधू-वाद का पात्र है कि उसने 2020 में होने
वाली परीक्षाओं में इसपर रोक लगाने में अच्छा काम किया है. इसके फलस्वरूप कई
कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी गयी है.
भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए मेरा
अमूल्य सुझाव है कि सरकारी नौकरियों में ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जाये तथा
ऐसे प्रश्न पूछे जाएँ जिसमें कोई नकल करने वाला व्यक्ति सफलता प्राप्त ना कर सके. हो
सके तो सरकारों द्वारा एक विभाग के कर्मचारियों को दूसरे विभागों में काम करने का
अवसर दिया जाये. इससे भी भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने में मदद मिल सकती है.
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